Pahalgam Valley Trekking Guide 2025

Pahalgam Valley Trekking Guide 2025

Cradled by the Pir Panjal, Pahalgam is Kashmir’s answer to an alpine adventure park. One-day jaunts lead to grassy bowls nick-named “Mini Switzerland,” while week-long circuits reveal blue-green tarns set under 4 000 m crags. This guide unpacks every major trail—Tulian, Tarsar–Marsar, Lidderwat and three classic day-hikes—plus what it really costs (permits, guides, mules, tents)…

महाकुंभ 2025

महाकुंभ 2025: 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया पवित्र स्नान

भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में महाकुंभ मेला एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है। इस वर्ष, महाकुंभ 2025 में 10 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान किया। यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक सम्मेलनों में से एक है, जिसमें हर धर्म, जाति और वर्ग के…

महाकुंभ 2025 शाही स्नान

महाकुंभ 2025: शाही स्नान की पूरी जानकारी, तिथियां, महत्व और इतिहास

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जा रहा है। यह हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और भव्य आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु और साधु-संत एकत्र होते हैं। शाही स्नान इस मेले का मुख्य आकर्षण होता है। आइए, महाकुंभ 2025 के शाही स्नान और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को…

महाकुंभ में दान का महत्व

महाकुंभ में दान का महत्व: भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक

महाकुंभ मेला न केवल विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं, और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। इस मेले में दान की परंपरा को अत्यधिक महत्व दिया गया है। दान को भारतीय समाज में पुण्य प्राप्ति, आत्मा की शुद्धि, और सामाजिक समानता का माध्यम माना गया है। महाकुंभ में दान करना…

महाकुंभ में नागा साधु

महाकुंभ में नागा साधु: परंपरा, इतिहास और महत्व

महाकुंभ मेले में नागा साधुओं का विशेष स्थान है। उनका रहस्यमय जीवन, कठोर तप, और परंपराएं लोगों को आकर्षित करती हैं। इस लेख में हम नागा साधुओं के इतिहास, उनकी आध्यात्मिक विचारधारा, और महाकुंभ में उनकी भूमिका पर विस्तृत जानकारी साझा करेंगे। नागा साधुओं का इतिहास और उत्पत्ति नागा साधुओं का इतिहास प्राचीन भारत की…

महाकुंभ कब होता है

महाकुंभ कब होता है: तिथियां, स्थान और महत्व

महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। यह हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और लाखों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि महाकुंभ कब होता है, इसका महत्व क्या है, और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ। महाकुंभ मेला: परिचय…

महाकुंभ मेला प्रयागराज 2025

महाकुंभ मेला 2025: आस्था, पौराणिकता और संस्कृति का महोत्सव

महाकुंभ मेला, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन, हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। यह पवित्र मेला चार प्रमुख स्थानों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक—पर बारी-बारी से आयोजित होता है। इस आयोजन में करोड़ों श्रद्धालु एकत्रित होकर अपनी आस्था प्रकट करते हैं और पवित्र नदियों में स्नान कर मोक्ष प्राप्ति की…

महाकुंभ क्यों मनाते हैं?

महाकुंभ क्यों मनाते हैं? जानें इसका धार्मिक, पौराणिक और ज्योतिषीय महत्व

महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और परंपराओं का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। इसे आस्था, परंपरा, और अध्यात्म का संगम माना जाता है। महाकुंभ हर 12 साल में एक बार चार पवित्र स्थलों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक में आयोजित होता है। इसके आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक…

महाकुंभ कब से कब तक रहेगा

महाकुंभ 2025: 13 जनवरी से 26 फरवरी तक, जानें शाही स्नान की तिथियां और महत्वपूर्ण जानकारी

महाकुंभ मेला 2025: तारीखें, महत्व, और प्रमुख जानकारी महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का सबसे बड़ा पर्व है। यह आयोजन हर 12 वर्षों में चार प्रमुख तीर्थ स्थलों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक – में होता है। वर्ष 2025 में महाकुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन 13 जनवरी 2025 से…